सोचता हूँ अगर
ये इश्क सा न हुआ होता,
अपने दरमियाँ
कुछ तो बचा होता.
हर एक बात पे,
न यूँ मैं खफा होता.
हर प्यार के एहसास पे.
न दर्द ही ज़रा होता.
धीरे धीरे न यूँ,
तू मुझसे जुदा होता.
न ये सोचता हर पल
की कभी न तुझसे मिला होता.
ये इश्क सा न हुआ होता,
अपने दरमियाँ
कुछ तो बचा होता.
हर एक बात पे,
न यूँ मैं खफा होता.
हर प्यार के एहसास पे.
न दर्द ही ज़रा होता.
धीरे धीरे न यूँ,
तू मुझसे जुदा होता.
न ये सोचता हर पल
की कभी न तुझसे मिला होता.