Thursday, December 27, 2007

dost, tumhe yaad kiye jaate hain

जाने कैसी हवाएं हैं ये,
जिनमे पुराने पल खोते जाते हैं.
जो लोग दिल के करीब होते हैं इतने कभी,
वो दूर नज़र के होते जाते हैं.

जिनका जिक्र जुबान से रुकता नहीं था,
याद करने पर भी वो नाम भूले जाते हैं.
होश में हूँ या बेहोश हूँ,
अक्सर ऐसे शक खुदी पर हम किये जाते हैं.

लगता है डर, सोचता हूँ में.
क्या ऐसे ही मरासिम छोड़ते जाते हैं.
दिल से बनायीं दुनिया को,
लम्हा लम्हा, ऐसे ही तोड़ते जाते हैं?

---खफा ना होना दोस्त, खातागार हम,
ज़हन में ही सही, तुम्हे अक्सर याद किये जाते हैं

Thursday, December 06, 2007

रिश्ते क्यों यूँ ही नम हो जाते हैं,
क्यों छोटी गलतफहमियों में खो जाते हैं.
भावनाओं के समंदर दर्द से रो जाते हैं,
मुस्कुराते हुए दो चेहरे
एक ही छत के नीचे गुमसुम से हो जाते हैं.