जाने कैसी हवाएं हैं ये,
जिनमे पुराने पल खोते जाते हैं.
जो लोग दिल के करीब होते हैं इतने कभी,
वो दूर नज़र के होते जाते हैं.
जिनका जिक्र जुबान से रुकता नहीं था,
याद करने पर भी वो नाम भूले जाते हैं.
होश में हूँ या बेहोश हूँ,
अक्सर ऐसे शक खुदी पर हम किये जाते हैं.
लगता है डर, सोचता हूँ में.
क्या ऐसे ही मरासिम छोड़ते जाते हैं.
दिल से बनायीं दुनिया को,
लम्हा लम्हा, ऐसे ही तोड़ते जाते हैं?
---खफा ना होना दोस्त, खातागार हम,
ज़हन में ही सही, तुम्हे अक्सर याद किये जाते हैं
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1 comment:
Huh? J/K.
Nick
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