Lehren kitni bhi unchi kyon na ho, usse saagar ki gahrai ka naap nahin hota.
Jo kar chuka hoon kewal usse, meri khsamta ka gyan nahin hota.
Soch gehri hai meri, sapne vishal hai mere.
Kuch kshan kahin theher jaane se meri manzil ka anumaan nahin hota.
लहरें कितनी भी ऊँची क्यों न हो, उससे सागर की गहराई का नाप नहीं होता
जो कर चुका हूँ केवल उससे, मेरी क्षमता का ज्ञान नहीं होता.
सोच गहरी है मेरी, सपने विशाल है मेरे.
कुछ क्षण कहीं ठहर जाने से मेरी मंजिल का अनुमान नहीं होता.
Jo kar chuka hoon kewal usse, meri khsamta ka gyan nahin hota.
Soch gehri hai meri, sapne vishal hai mere.
Kuch kshan kahin theher jaane se meri manzil ka anumaan nahin hota.
लहरें कितनी भी ऊँची क्यों न हो, उससे सागर की गहराई का नाप नहीं होता
जो कर चुका हूँ केवल उससे, मेरी क्षमता का ज्ञान नहीं होता.
सोच गहरी है मेरी, सपने विशाल है मेरे.
कुछ क्षण कहीं ठहर जाने से मेरी मंजिल का अनुमान नहीं होता.