Thursday, December 06, 2007

रिश्ते क्यों यूँ ही नम हो जाते हैं,
क्यों छोटी गलतफहमियों में खो जाते हैं.
भावनाओं के समंदर दर्द से रो जाते हैं,
मुस्कुराते हुए दो चेहरे
एक ही छत के नीचे गुमसुम से हो जाते हैं.

1 comment:

Unknown said...

Awesome!! you rock!!